सुरेन्द्र दुआ संवाददाता
नूंह। जिला में सावन का पांचवा सोमवार की भक्तों ने पूजा अर्चना की। लोगों ने व्रत रखकर अपने अराध्य का गुणगान किया। नूंह दंगों के चलते इस बार मंदिरों में भीड़ कम रही। मंदिर प्रबंधन ने कर्फ्यू को देखते हुए नियमों के तहत पूजा अर्चना करा रहे थे। नूंह के पाण्डव कालीन बाबा नल्हेश्वर मंदिर पर भी पूजा अर्चना रही। भक्तों को उनका नाम, मोबाईल नम्बर व पता पूछकर ही मंदिर में जाने दिया जा रहा था। मंदिर में भक्तों की संख्या काफी कम थी। इसी तरह, पाण्डवकालीन झिर मंदिर, भूतेश्वर,शिवद्वेश्वर मंदिर, कैलाश मंदिर व खाटू श्याम मंदिर नूंह के अलावा प्राचीन शिव मंदिर बिछौर, शिव मंदिर जौरासी, प्राचीन देवी भवन मंदिर तावडू, शिव-शनि पीठ मंदिर डिढारा आदि में पूजन किया गया। भक्तों की माने तो नूंह दंगों की आंच पर्वो पर भी पडी है और धारा 144 के चलते नियमों के तहत ही पूजन किया गया है। नल्हेश्वर मंदिर के पुजारी दीपक शर्मा के अनुसार गत सोमवार को ब्रज मण्डल यात्रा पर दंगाईयों द्वारा हुए हमलों के बाद सावन माह के पांचवे सोमवार को भक्तों की संख्या काफी कम रही है और इसका असर अन्य मंदिरो में भी देखने को मिला है।
बता दें कि, श्रावण मास 4 जुलाई से शुरू हो गया था ,इस बार 19 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है तथा इस बार 8 श्रावण सोमवार और 9 मंगला गौरी व्रत होंगे। श्रावण मास में अधिकमास जुड़ने से इस बार श्रावण 59 दिनों का होगा। ये व्रत बेहद फलदायी होंगे। इस साल श्रावण का पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई से शुरू होकर अंतिम सोमवार 28 अगस्त को पड़ेगा। अधिक मास दो पक्षों के बीच में होता है श्रावण माह के कृष्ण पक्ष के समापन के बाद यानि श्रावण अमावस्या के बाद अधिकमास लगेगा, उस दिन अधिकमास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि होगी अधिकमास का समापन अधिकमास की अमावस्या को होगा, फिर श्रावण का शुक्ल पक्ष शुरू होगा,अधिकमास में पहले शुक्ल पक्ष होगा, फिर कृष्ण पक्ष होगा।