आम जनता ई—रिक्शा के नियम ना पालन करने पर कई महिलाओं का रास्ते में ही ई रिक्शा चालकों ने छतीग्रस्त कर दिया गया जहां शिकायत के बाद भी पुलिस, ट्राफिक पुलिस जान कर अनजान नजर आ रही है। इसका सबसे ज्यादा नजफगढ रोड, उत्तम नगर ट्रमिनल, करोल बाग, नई दिल्ली स्टेशन रोड और आदि जगहों पर देखा जाए तो ई—रिक्शा के नाम पर गुडा गर्दी नंबर 1 पर है।
संध्या समय न्यूज संवाददाता
नई दिल्ली। देखा जाए तो अब सड़कों पर दौड़ने वाले ई-रिक्शा लोगों के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। क्योंकि आये दिन ई—रिक्शा अवैध रूप से मार्ग पर आते जाते नजर आते है और ट्रैफिक सिग्नल का पालन नहीं करते अगर इनके आगे ट्रैफिक सिग्नल पर कोई खड़ा रहता है तो उन्हें डरा धमका कर ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने के लिए मजबूर करते रहते है। जिसका चलान ई—रिक्शा चालक में ना आकर आम जनता पर आ जाता है अगर इनकी शिकायत कही ट्राफिक पुलिस में भी की जाती है तो वे भी कुछ नहीं कर पाते है।
देखा जाए तो बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए शासन-प्रशासन स्तर पर ई-रिक्शा मालिकों को टैक्स में छूट दी है। परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा का संचालन बढ़ाने के लिए परमिट व फिटनेस से इन्हें दूर रखा है। इससे बीते वर्षो में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ती जा रही है और ट्राफिक जाम भी। रिक्शा चालक बेतरतीब ढंग से रिक्शों का संचालन कर रहे हैं। सड़कों पर मोटर व्हीकल एक्ट का पालन नहीं करते जो पालन करते है उन्हें धमकी से तोड़ने के लिए मजबूर कर देते है।
18 वर्ष से कम उम्र के लड़के ई-रिक्शा
शहर के अलग-अलग इलाकों में दौड़ने वाले ई-रिक्शा के संचालन में कई खामियां सामने आ रही हैं। सड़कों पर 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के ई-रिक्शा चला रहे हैं। वई-रिक्शा में बेटियों व महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई प्रबंधन नहीं है। ई-रिक्शा शहर में संचालित हो रहे आटो व आपे आटो की तरह नियमों की धज्जियां उड़ाकर संचालित हो रहे हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को परेशान होकर भुगतना पड़ रहा है।
- ई-रिक्शा के आने-जाने का कोई समय तय नहीं है।
- प्रतिस्पर्धा के चलते एक-दूसरे को ओवरटेक करते हैं, जिससे हादसों का डर रहता है।
- आरटीओ ने सिर्फ कालोनियों के मार्गों पर ई-रिक्शा चलाने के निर्देश दिए हैं, पर ये बसों के मार्ग पर चलते हैं और जहां ट्राफिक पुलिस ने इनके बोर्ड लगा देते है वहां भी सरकारी सपोर्ट से चलाते है।
परिवहन विभाग ने कोई ठोस गाइडलाइन नहीं बनाई
- ई-वाहनों के बढ़ाने के उद्देश्य से अभी तक परिवहन विभाग ने ई-रिक्शा के संचालन की ठोस नीति नहीं बनाई।
- शहर में ई-रिक्शा के लिए अलग-अलग मार्ग तय नहीं किए, जिससे ये मनमर्जी से चल रहे हैं।
- ई-रिक्शा का किराया निर्धारित करने की कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है।
- आरटीओ में पंजीयन होता है, लेकिन फिटनेस का कोई ठोस मापदंड नहीं है।
- आरटीओ की ओर से ई-रिक्शा की समय-समय पर जांच नहीं जाती है।
देखा जाए तो दिल्ली से लेकर बहोत से शहरों में ई—रिक्शा के दंबगई से लोग परेशान नजर आ रहे है जिसमें आम जनता ई—रिक्शा के नियम ना पालन करने पर कई महिलाओं का रास्ते में ही ई रिक्शा चालकों ने छतीग्रस्त कर दिया गया जहां शिकायत के बाद भी पुलिस, ट्राफिक पुलिस जान कर अनजान नजर आ रही है। इसका सबसे ज्यादा नजफगढ रोड, उत्तम नगर ट्रमिनल, करोल बाग, नई दिल्ली स्टेशन रोड और आदि जगहों पर देखा जाए तो ई—रिक्शा के नाम पर गुडा गर्दी नंबर 1 पर है।