ग्रेटर नोएडा के इटैडा में किसानों व प्राधिकरण टीम में झड़प

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संदिप कुमार गर्ग


नोएडा। अतिक्रमण हटाओ अभियान को लेकर ग्रेटर नोएडा व नोएडा प्राधिकरण में बुधवार को अर्जित जमीन पर भारी सुरक्षा बल के साथ चलाया लेकिन ग्रेटर नोएडा में इटैड गांव में ग्रामीण व किसान संगठनों व समाजवादी पार्टी के नेताओं की प्राधिकरण के दस्ते के साथ झड़प हो गई। इस दौरान एक किसान का सिर फूट गया। जिसके बाद उग्र ग्रामीणों ने प्राधिकरण के दस्ते पर पथराव कर उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान प्राधिकरण दस्ते में साथ गए तीन सुरक्षा गार्ड भी घायल हो गए।

बता दे कि नोएडा प्राधिकरण का दस्ता बुधवार सुबह सोरखा गांव पहुंचा। जहां खसरा नंबर 819 पर जो कि प्राधिकरण की अर्जित जमीन है। उस पर बने आश्रम व अन्य लोगों द्वारा कब्जा कर किए गए निर्माण का ध्वस्त करने पहुंची। जहां ग्रामीणों व किसान संगठनों ने पहले आश्रम की इमारत गिराने का दबाब बनाया इसके बाद ही अन्य निर्माण तोडऩे के लिए प्राधिकरण दस्ते में मौजूद अधिकारियों को कहा। इस आश्रम को लेकर स्थानीय पुलिस भी किसानों व आश्रम के कर्ताधर्ता के निशाने पर पिछले एक माह से है। दोनों ही पक्ष पुलिस पर पक्षपात पूर्ण कार्यवाही किए जाने की शिकायते शासन स्तर तक कर रहे है। ग्रामीणों व किसान संगठनों के हंगामे व प्रदर्शन व दबाब के चलते प्राधिकरण का दस्तां बिना कार्रवाई किए बैरंग लौट आया। इसके बाद प्राधिकरण का दस्ता सफार्बाद में बिल्डर के लिए आवंटित जमीन के बराबर में हो रखे अतिक्रमण को हटाने पहुंचा।

इसकी जानकारी भारतीय किसान परिषद और भारतीय किसान यूनियन मंच को लग गई। जानकारी मिलते ही करीब 100 किसान मौके पर पहुंच गए और प्राधिकरण की कार्रवाई का विरोध करने लगे। इस दौरान नोएडा प्राधिकरण के दो तहसीलदार, एसीपी सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। टीम की किसानों से कहासुनी और नोकझोंक भी हुई। किसानों ने आरोप लगाया कि ये जमीन आबादी की है और आबादी निस्तारण का मामला हाई पावर कमेटी के पास है, इसलिए इसे नहीं तोड़ा जाएगा। वहीं, प्राधिकरण के अधिकारियों ने खसरा नंबर 160 के दस्तावेज प्रस्तुत किए और बताया गया कि ये जमीन 290 वर्गमीटर है। इसकी कीमत करीब चार करोड़ के आसपास है और मास्टर प्लान 2031 के अनुसार नियोजित है। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच काफी नोकझोंक हुई। इसके बाद प्राधिकरण की टीम को बिना कार्रवाई किए लौटना पड़ा। इसके अलावा प्राधिकरण की टीम होशियारपुर गांव में भी प्राधिकरण की टीम को विरोध झेलना पड़ा। वहां से भी टीम बैरंग लौट आई।

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