ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में फिल्म अंदाज में नकली सीबीआई अधिकारी बनकर इसरात जमी़ल नाम के शक्स के घर अचानक घर पर गया और फिर आरोपियों ने खुद को सबीआई अधिकारी बताते हुए तलाशी का काम कर लूट कों अंजाम दिया । जिसे दिल्ली पुलिस ने फिल्म से ज्यादा तेजी दिखाई और इस मामले में एक महिला सहित पूरी फर्जी सीबीआई टीम को गिरफ्तार कर लिया गया है।
परिवार को कमरे के कोने में बैठा दिया
पुलिस के मुताबिक 10 जुलाई की शाम को वज़ीराबाद इलाके में आरोपी नकली सीबीआईअधिकारी बनकर आरोपियों ने घर वालों से कहा कि हमारे पास एफआईआर और सर्च वारंट है। जब इसरात ने जालसाजों से एफआईआर और वारंट की प्रति मांगी, तो आरोपियों ने उसे डांट दिया। जिसके बाद आरोपियों ने अलमारी का ताला तोड़ा और उसमें रखे सोने-चांदी के गहने और करीब तीन लाख रुपये नकद उठा लिए। इसरात ने जब आरोपियों ने से रसीद मांगी, तो उन्होंने उसकी बेटी की कॉपी पर झूठे नाम से हस्ताक्षर किए और वहां से फरार हो गए। कुछ ही देर बाद इसरात को शक हुआ और उसने पुलिस को बुलाया, लेकिन तब तक तीनों नकली सीबीआई अफसर फरार हो चुके थे।
सीसीटीवी कैमरों की ली तलाशी में हुआ खुलासा
बता दे कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाई गई और पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे तकरीबन 200 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाले गए, जिसके बाद पुलिस को एक फुटेज में दो आरोपी मोटरसाइकिल पर जाते हुए दिखाई दिए। जिसकी पुलिस ने जांच की और सामने आया कि मोटरसाइकिल किसी शाइना के नाम पर रजिस्टर्ड है। वहीं वारदात के दिन मोटरसाइकिल चला रहा व्यक्ति केशव प्रसाद है। हालांकि दोनों आरोपी अपने घर से फरार थे। टेक्निकल सर्विलांस के जरिए दोनों आरोपियों की लोकेशन हरिद्वार निकली, लेकिन पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए जैसे ही हरिद्वार पहुंची, तब तक आरोपी वहां से निकल चुके थे, जिसके बाद टेक्निकल सर्विलांस के जरिए पुलिस ने शाइना और केशव को मसूरी से गिरफ्तार किया।
लालच में दिया वारदात को अंजाम
बता दे कि आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने उनके तीसरे साथी विवेक सिंह को हरिद्वार से पकड़ लिया जिसकी पुलिस द्वारा पूछताछ के शाइना ने बताया कि वो इसरात की दूर की रिश्तेदार है। उसे पता था कि इसरात के घर में नकद और गहने रखे हुए हैं। इसी लालच में उसने अपने दोस्त केशव को योजना में शामिल किया। फिर केशव ने अपने पड़ोसी विवेक को भी मिला लिया गया। जिसके बाद तीनों ने सीबाआई अधिकारी बनकर इसरात के घर लूट की प्लानिंग की और वारदात को अंजाम दिया था।