संदिप कुमार गर्ग
नोएडा। एमिटी कैम्पस,डॉ अमिता चौहान व डॉ अशोक कुमार चौहान के सानिध्य में सेक्टर-44,नोएडा मे चल रहे विशाल युवक चरित्र निर्माण व व्यक्तित्व विकास शिविर के दूसरे दिन युवको को संबोधित करते हुए डॉ अनिल आर्य (राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने कहा कि व्यक्ति की पहचान उसके कर्मो से होती है नाम से नही महर्षि दयानंद सरस्वती का जीवन बहुत ही संघर्षमय रहा है उन्होंने देश की स्वतंत्रता महिलाओं के उत्थान, वेदों के प्रचार और प्रसार ओर समाज मे फैली पाखंड अंधविश्वास ओर कुरीतियों को दूर करने के लिए अपना सारा जीवन लगा दिया। शिविर संयोजक महेंद्र भाई ने युवको को संध्या एवं यज्ञ करना सीखाया और बताया जीवन मे नियमित दिनचर्या का पालन सफलता का एक मूल रहस्य है जो बालक अनुशासन में रह कर अपने कर्तव्यों का पालन करता है उसके जीवन मे कभी असफलता नही होती।
मुख्य अतिथि डा सुनील एम रहेजा ने स्वस्थ व्यक्ति की पहचान पर चर्चा करते हुए बताया जो व्यक्ति शारीरिक मानसिक बौद्धिक और आत्मिक दृष्टि से स्वस्थ है वही व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ है और जिस स्थान पर आप रहते हैं उस स्थान के 100 किलोमीटर के दायरे में पैदा होने वाले मौसम के अनुकूल अन्न व फल आपके शरीर के अनुकूल होते हैं,उन्हीं के सेवन से आप सदैव निरोग रह सकते हैं।इसलिए स्वस्थ खाओ स्वस्थ रहो।उन्होंने आगे कहा प्रातः काल हार्ट के लिए सेर करें,योगाभ्यास करें इससे आप पूर्णतः स्वस्थ रहेंगे,नींद अच्छी आएगी।इसलिए करो योग रहो निरोग।
स्वदेशी आयुर्वेद,हरिद्वार के निदेशक डा आर के आर्य ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वास्थ्य संबंधी विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि नियम और संयम की पटरी पर चलने से आप स्वस्थ रहेंगे।सकारात्मक विचार रखने से मन शांत रहेगा।कर्तव्य का पालन करने से सुखी रहेंगे।स्वास्थ्य, स्वाभिमान,संबंध,साधन और सेवा के दायित्व चाहे वे परिवार के प्रति हों,समाज व राष्ट्र के प्रति हों उन्हें निभाएं।उन्होंने संकल्प शक्ति को मजबूत करने का भी आह्वान किया।
गायिका आस्था आर्या,पिंकी आर्या एवं प्रवीण ने देशभक्ति व ईशभक्ति के भजनों के माध्यम से युवको को आपस मे मिलकर चलने,बुराइयों से दूर रहने तथा नशे की चीजों से दूर रह कर अपने स्वास्थ्य को बनाना ही युवको का पहला काम है।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता के नेतृत्व में सर्व त्रिलोक शास्त्री, कृष्ण लाल राणा वैदिक, प्रदीप आर्य, विवेक अग्निहोत्री, वरूण आर्य,शिवम मिश्रा, गौरव गुप्ता, अमित आर्य,हिमांशु आदि ने युवको को तलवार,भाला,योग आसन-प्राणायाम,जुडो कराटे, लाठी-चालन,कमाण्डो प्रशिक्षण आदि के गुर सिखाये।