संदिप कुमार गर्ग
नोएडा। थाना सेक्टर 63 नोएडा में पुलिस ने मुद्रा फाइनेंस के नाम से फर्जी कॉल सेंटर खोलकर लोन दिलाने के नाम पर फ्रॉड करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया और पुलिस ने सरगना समेत गैंग के 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी लोन दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर चुके हैं और जबकि सैकड़ों लोग इनकी रडार पर थे।
एडीसीपी ह्रदेश कटारिया ने बताया कि शुक्रवार को एक सूचना के आधार पर नोएडा के ग्राम बसई सेक्टर-70 नोएडा, डी पार्क सेक्टर-63 नोएडा, और द्वारिका मोड दिल्ली 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें शिव कुमार निवासी नालंदा बिहार और गैंग सरगना शेखर यादव द्वारका मोड़ नई दिल्ली के रहने वाले हैं। जबकि बाकी 7 रवि सागर, कुरूमुर्ति, प्रकाश कुमार, श्रीकांत, राजशेखर और साई कुमार थाना वन टाउन, जिला महबूबनगर, तेलंगाना के रहने वाले हैं। इनके कब्जे से 2 लैपटॉप, 16 स्मार्ट फोन, 8 कीपैड फोन, 16 कापियां 1 पेन एवं साइबर ठगी कर कमाये गये 5 लाख 26 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई है। पकड़े गए आरोपी सेक्टर 70 और दिल्ली के द्वारका में कॉल सेंटर चलाते थे। वहां से ये लोग ऑनलाइन लोगों से संपर्क कर उन्हें लोन दिलवाने का आश्वासन देते थे प्रोसेसिंग फीस आदि के नाम पर यह लोग पीड़ितों से मोटी रकम अपने खाते में डलवा लेते थे। तथ बाद में उनकी रकम हड़प लेते थे।
एक महिला नोएडा के सेक्टर 68 में रहती है। महिला ने थाना सेक्टर 63 पुलिस से शिकायत में बताया कि एक व्यक्ति ने उसके पास आकर बताया कि पत्नी की तबियत बहुत खराब है, उसने अपने मित्र से पैसे मंगाये हैं लेकिन उसका बैंक खाता न होने के कारण वो उसे रुपये नहीं भेज पा रहा है जिसपर महिला द्वारा व्यक्ति के कहने पर पैसा अपने खाते में मंगवा लिया। मनी ट्रांसफर की दुकान में जाकर व्यक्ति के खाते में पैसा डाल दिया। कुछ समय बाद महिला का खाता फ्रीज होगा। जब इसकी जानकारी महिला को मिली तो वह बैंक पहुंची तो पता 5 मई को उसके खाते में फ्रॉड का पैसा आया था। जिसके बाद साइबर क्राईम पुलिस बिहार द्वारा उसका खाता फ्रीज किया गया है।
शेखर द्वारा बताया गया कि वह फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया वेबसाईट से जरूरतमन्द लोगों का डाटा निकालकर उसे अपने साथियों व लोन के नाम पर आनलाईन ठगी करने वाले अन्य लोगों को 40 रुपये प्रति आईडी के हिसाब से बेच देता था। फ्रॉड का पैसा निकलवाने के लिए एकाउंट और सिम कार्ड भी पैसा लेकर उपलब्ध कराता था। डाटा से लोन के जरूरतमन्द लोगों को कॉल करके फाईल चार्ज व लोन के अन्य चार्ज के बहाने पैसा ऑनलाईन ट्राँसफर करवा लेते थे और बाद में उस पैसे को सभी लोग मिलकर निर्धारित हिस्सों में बांट लेते थे।
फ्रॉड के पैसों का 12 प्रतिशत खाताधारक को, 40 प्रतिशत कॉल करने वाले को और बाकी का 48 प्रतिशत पैसा अभियुक्त शेखर यादव व मुख्य अभियुक्त शिवकुमार के पास रह जाता था। आरोपियों के कब्जे से जो पैसे बरामद हुए हैं वह आनलाईन ठगी के हैं जो उन्हें आपस में बांटने थे। इसी प्रकार से इन लोगों ने धोखाधडी करके लाखों रुपये कमाये हैं। मुद्रा फाईनेंस कम्पनी के नाम पर फर्जी लोन दिलाने के नाम पर कालिंग कर ऑनलाईन फ्रॉड करने के शातिर अपराधी है।